रामगोपाल राजपूत/भोपाल। मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में पांच साल पुराना लेपटॉप खरीदी घोटाला सामने आया है। मामला पूर्व कुलपति प्रो. एसके सिंह और रजिस्ट्रार एसके कांबले के कार्यकाल का है। दस लेपटॉप खरीदी के आदेश डायरेक्टर जनरल ऑफ सप्लाई एंड डिस्पोजल (डीजीएसएंडडी) दिल्ली को दिए गए थे। लेपटॉप तो अब तक नहीं आए, लेकिन आदेश के साथ ही 8 लाख 16 हजार 595 रपए का भुगतान जरूर कर दिया गया।
विश्वविद्यालय को पांच साल बाद भी लेपटॉप क्यों प्राप्त नहीं हुए, इसके लिए विवि प्रबंधन पिछले तीन साल से डीजीएसएंडडी से पत्राचार ही कर रहा है। आखिरकार लेपटॉप गए कहां, किसने गड़बड़ी की और कैसे हुई, इन सवालों का जवाब विवि प्रबंधन और डीजीएसएंडडी के पास नहीं है।
25 मई 2011 को दिए गए 10 लेपटॉप खरीदी के आर्डर की डिलीवरी नहीं होने पर अब बताया जाता है कि विवि प्रबंधन मामला पुलिस को देने की तैयारी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर डीजीएसएंडडी से ही विवि प्रबंधन ने एक बार फिर 40 लाख के लेपटॉप और कंप्यूटर खरीदने की भी तैयारी कर ली है। इस खरीदी के आदेश 31 मार्च से पहले जारी होने वाले हैं। खरीदी करने के पीछे हवाला दिया जा रहा है कि खरीदी नहीं हुई तो यूजीसी से मिला अनुदान लेप्स हो जाएगा।