
यह बयान शहजाद लाला हत्याकांड में गिरफ्तार भू-माफिया छब्बू का है। उसने मददगारों में कांग्रेस नेता और गुंडों के नाम कबूल किए हैं। कुछ मीडियाकर्मी भी जांच के दायरे में हैं। उन पर सांठगांठ के नाम पर लाखों रुपए लेने का आरोप है। उसने बताया मूलतः राजस्थान का रहने वाला शहजाद तस्करी करता था। 8 साठ पूर्व वह सतीष भाऊ गैंग से जुड़ कर ठेके पर हत्या करने लगा। इस दौरान उसका संपर्क हुआ। वह विवादित जमीन के मामलों में डील करने लगा। इसके बदले मामूली रुपए मिल जाते थे लेकिन धीरे-धीरे उसने खुद ही जमीन की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। खुद की गैंग बनाकर रुपए के लिए अड़ीबाजी करने लगा। गफूर (नौकर) ने उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा। मैंने गफूर की आर्थिक मदद की और हत्या में सहयोग दिया।
गौरतलब है सदर बाजार पुलिस ने शनिवार रात छब्बू उर्फ साबिर को ड्राइवर बेबी के साथ गिरफ्तार किया था। वह बेटे की तबीयत देखने आ रहा था। भागने के चक्कर में उसके हाथ-पैर भी टूट गए थे। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो पहले हत्या में शामिल होने से इंकार किया।
नेताओं ने घेरा डीआईजी ऑफिस
छब्बू ने बताया कि केस दर्ज होने के बाद भोपाल भाग गया। एक मीडियाकर्मी की मदद से अफसरों को शिकायत की। खजराना क्षेत्र के कांग्रेस नेता और पार्षद पति, बंबई बाजार के नेता की मदद से लोगों को डीआईजी और एसपी ऑफिस भेजा। पूछताछ में मजहर मौलाना, इलियास पहलवान, जीतू, जमाल लाला, करामत सांवेर वाला सहित गैंगस्टर लालू आजम (नागदा) और गुंडे याकूब पाड़ा का नाम भी स्वीकार किया है।