सिहोरा। जबलपुर जिले से 70 किमी दूर कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील के पास है भोलेनाथ का स्थान रूपनाथ। जहां पर स्थानीय लोगों का यह भी मानना है की भगवान शिव की जब बरात जा रही थी तब यहां पर भगवान शिव रुके हुए थे जिसके बाद से ही इस स्थान को मान्यता मिली है।और माता पार्वती के संग यहां पर शिव जी कुछ दिन ठहरे हुए थे। जिसके बाद से इस स्थान का नाम रूपनाथ हुआ और आज भी यहां पर भगवान शिव साक्षात विराजे हुए हैं जिसमे दूर दूर तक के लोगों की आस्था का केंद्र बना है यह स्थान और त्योहारों पर लगती है श्रद्धालुओं की भीड़।
🏻गुफा से होकर कटाव नदी जाते थे स्नान करने
यहां के स्थानीय और आसपास के लोगों का मानना है की भगवान शिव रूपनाथ में बनी गुफा से होकर मझोली के पास कटाव धाम की गुफा से निकलकर कटाव की नदी में प्रातः काल के समय स्नान करने जाते थे और माता पार्वती के स्नान के लिये रूपनाथ में जलकुण्ड बने हुए थे जो आज भी रूपनाथ में स्पष्ट उदाहरण है जिसमे सभी जानकार लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है यह स्थान।
🏻प्राकतिक सौंदर्य है खास
रूपनाथ में सबसे दार्शनिक यहां की गुफा और प्राकृतिक सुंदरता आकर्षण का केंद्र बना है इसी वजह से यह पिकनिक स्पॉट भी बना है।यहां पर जल कुण्ड और बरसात के दिनों में झरना और चट्टानों का सौंदर्य का खूबसूरत नजारा देखने मिलता है।जो लोगो के मन को खूब भाता है।
🏻लिपी में छुपा है खजाने का राज
बहोरीबंद और रूपनाथ के स्थानी बड़े बुजुर्ग लोगो का मानना है की यहां पर सम्राट अशोक के द्वारा लिखवाई गई लिपी है जिसमे खजाने का पता लिखा हुआ है की खजाना कहाँ छुपा हुआ है यदि यह लिपी को पढ़ कर कोई उसका अर्थ समझ जायेगा तो वह खजाने तक पहुंच सकता है लेकिन आज तक कोई भी इस लिपी की भाषा नही समझ पाया है जिससे यह खजाने का रहस्य ही बना हुआ है।