
खेर ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि प्रतिद्वंदी पार्टी में लोग सबसे ज्यादा खराब चीजें बोलते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपके सांसद दिग्विजयजी ने दूसरे सांसद के बारे में सबसे खराब चीजें कही थीं… उससे ज्यादा कुछ और घृणास्पद नहीं हो सकता। मेरे पास वह सूची नहीं है कि किसने क्या बोला और मैं उनका बचाव नहीं कर रहा, जिन्होंने बकवास किया है।’
कार्यक्रम में बहस का मुद्दा ‘टॉलरेंस इज़ द न्यू इनटॉलरेंस’ था। इस कार्यक्रम में जस्टिस अशोक गांगुली, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अभिनेत्री काजोल, सीनियर जर्नलिस्ट बरखा दत्त और सुहेल सेठ जैसी हस्तियां मौजूद थीं। कार्यक्रम में जस्टिस गांगुली ने असहिष्णुता पर चिता जताई तो अनुपम खेर उन पर बरस पड़े। कार्यक्रम में जस्टिस गांगुली के अफजल की फांसी को लेकर दिए गए बयान पर भी अनुपम खेर ने जोरदार हमला बोला। जस्टिस गांगुली ने कहा था, ‘फांसी दिए जाने के तरीके पर मैं (पूर्व) न्यायाधीश के तौर पर बोल रहा हूं। उसकी दया याचिका तीन फरवरी को खारिज कर दी गई और फांसी नौ फरवरी को हुई। उन्होंने कहा कि यह गलत है। उसके पास इसे चुनौती देने का अधिकार था। परिवार का अधिकार था कि उन्हें इस बारे में सूचना दी जाती।’
जस्टिस गांगुली के इसी बयान का जवाब देने आए अनुपम खेर ने अपने भाषण में कहा, ”मैं आपके बयान से हैरान हूं. यह शर्मसार और दुखी करने वाला है. आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहरा रहे हैं. यह बहुत दुख की बात है. यह कलंकित करने वाला है.” अनुपम खेर ने जेएनयू में लगे देशविरोधी नारों का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘हम एक शख्स को हीरो बना रहे हैं, जिसने 9 फरवरी की रात नारा लगाया था। भारत की बर्बादी का. वहां के नारे थे, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं। क्या सुप्रीम कोर्ट के जज अफजल के कातिल थे? भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह… ये क्या था? आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहरा रहे हैं. अफजल पर फैसले को गलत बता रहे हैं।’ अनुपम खेर ने कहा कि प्रधानमंत्री दिवाली कश्मीर में बिताते हैं। कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार की बात ही नहीं हो रही है। पिछले 10 साल सिर्फ भ्रष्टाचार की ही बात हो रही थी। खेर ने कहा कि असहिष्णुता नाम का कोई शब्द नहीं है। इस पर वही लोग डिबेट कर रहे हैं, जो 20 बॉडीगार्ड लेकर चलते हैं। शैंपेन का गिलास हाथ में लेकर फाइव स्टार होटलों में बैठते हैं और कहते हैं देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। करीब दस मिनट की स्पीच में अनुपम खेर ने मोदी सरकार हुए एक-एक हमले का जवाब दिया। उन्होंने संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अशोक गांगुली को भी खेर ने करारा जवाब दिया।
अनुपम खेर ने कहा, ‘कहा, ‘एक जज होते हुए आप सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को गलत कह रहे हैं। यह दुखद है कि जज होते हुए भी आप जो जेएनयू में हुआ, उसकी वकालत कर रहे हैं।’ ”इन्टॉलरेंस तो वो थी जब कुछ साल पहले आपके खिलाफ एक केस हुआ था और मीडिया आपके पीछे पड़ गई थी। तब आपने कुछ नहीं कहा था।’ बता दें कि जस्टिस गांगुली पर एक इन्टर्न ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। अनुपम खेर ने कहा, ‘आप में से किसी ने भी 8 महीने पहले इन्टॉलरेंस शब्द को सुना था। ये मार्केट किया गया है। ये हार जो हुई है उसका बदला लिया जा रहा है। पीएम पूरी मेजॉरिटी से जीते हैं, 282 सीट आईं। कैसे चायवाला पीएम बन गया। हमें तो गुलामी की आदत है।’ ‘दो साल से पीएम ने छुट्टी नहीं ली है, पर ये किसी को बर्दाश्त नहीं।’
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली है। अनुपम खेर ने उन लोगों को भी करार जवाब दिया, जो उन पर बीजेपी का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी पत्नी बीजेपी से सांसद हैं, लेकिन मुझे उनके प्रति वफादारी निभाने के लिए बीजेपी की तारीफ करने की जरूरत नहीं है।’ अनुपम खेर ने कहा कि लोगों से हजम नहीं हो रहा कि एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया है। हमें तो गुलामी की आदत है, कभी अंग्रेजों की तो कभी मुगलों की। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। खेर ने कहा कि जिस राहुल गांधी पीएम मोदी का 10वां हिस्सा भी बन जाएंगे उस दिन वह उनको वोट दे देंगे।