विधानसभा में अपने ऐलान से पलट गए शिवराज के मंत्री महोदय

भोपाल। विधानसभा में आज बीजेपी विधायक ममता मीना के गुना जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग से संबंधित एक सवाल पर मंत्री आदिम जाति कल्याण ज्ञान सिंह ने जिला अधिकारी को हटाकर जांच कराने की बात कही लेकिन कुछ देर बाद वे अधिकारी को हटाने की बात से पीछे हट गए तो सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष की ओर से हमले होते देखकर मंत्री बाबूलाल गौर उठे और कहा कि मंत्री पर ऐसे दबाव में जवाब की मांग नहीं की जा सकती।

ममता मीना ने लिखित सवाल किया था कि गुना जिले में 2015-16 में आरक्षित वर्ग के किसानों के पंपों का उर्जीकरण नहीं कराया है तो क्यों नहीं कराया। इस सवाल के जवाब में मंत्री ने यह कह दिया कि जिला अधिकारी को हटाकर जांच कराई जाएगी और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने भी उनकी बात को आसंदी से दोहराया। जब इसी सवाल पर चर्चा चल रही थी मंत्री ने अधिकारी को हटाकर जांच कराने की बात से पीछे हट गए।

मंत्री के अधिकारी को हटाकर जांच कराने की बात से पीछे हटने पर विपक्ष ने उन्हें घेर लिया। रामनिवास रावत, बाला बच्चन सहित की विधायकों ने मंत्री से यह कहलवाने की कोशिश की कि वे फिर कह दें कि जिला अधिकारी को हटाकर जांच करा लेंगे तो मंत्री बाबूलाल गौर खड़े हो गए और उन्होंने ज्ञान सिंह का बचाव किया कि मंत्री से ऐसे दबाव डालकर जवाब नहीं लिया जा सकता। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतशरण शर्मा ने इस पर व्यवस्था दी कि वे सदन की कार्रवाई का रिकॉर्ड निकलवाकर देखेंगे और अगर मंत्रीजी ने पहले अधिकारी को हटाकर जांच कराने का कहा होगा तो वैसा ही होगा।

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