उत्तरप्रदेश। गुमनामी बाबा के बक्सों के खुलने से अब इस बात के पुख्ता सबूत मिलने लगे हैं कि वे ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे। शुक्रवार को खोले गए 25वें बक्से से एक और बात का खुलासा हुआ। 25वें बक्से से मिले पत्र के मुताबिक गुमनामी बाबा के संबंध आरएसएस से थे।
फैजाबाद प्रशासन ने जब शुक्रवार को उनके 25वें बक्से को खोला गया था उसमें से संघ संचालक गुरू गोलवलकर का लिखा पत्र मिला। पत्र में गुरू गोलवलकर ने गुमनामी बाबा को स्वामी विजयानंद से संबोधित किया है। आपको बता दें कि इलाहबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मुखर्जी आयोग गुमनामी बाबा के बक्सों की जांच कर रहा है।
शुक्रवार को मुखर्जी आयोग से जुड़ी पेटियां खुलीं तो और कई ऐसे सुबूत सामने आए, जो नेता जी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ते हैं। बक्से से आजाद हिद फौज की खुफिया इकाई के मुखिया पवित्र मोहन राय की वंशावली भी मिली है। शनिवार को सार्वजनिक अवकाश के बावजूद गुमनामी बाबा से जुड़ी वस्तुओं को सूचीबद्ध करने का सिलसिला जारी रहा। आपको बता दें इससे पहले मेड इन जर्मनी का बना टाइपराइटर, दूरबीन और किताबें मिली थी जो यह इशारा करते हैं कि गुमनामी बाबा का कुछ न कुछ तो नेताजी से लेना देना था।