भोपाल। तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने विधानसभा में बताया कि सरकार इंजीनियरिंग पदों के खाली पदों की शीघ्र भर्ती करने का प्रयास कर रही है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने प्रदेश में 10 वर्ष से तकनीकी शिक्षा विभाग में नियमित संचालक नहीं होने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पद पर नियुक्ति में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) के नियमों का पालन नहीं हुआ। उन्होंने जानना चाहा कि इस पद पर किसी टेक्नोक्रेट की नियुक्ति होती है या ब्यूरोक्रेट की? इसके जवाब में गुप्ता ने बताया कि ये पद इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य से भरा जाता है। अभी कोई नियमित प्राचार्य नहीं है और इसलिए नियुक्ति पॉलीटेक्निक कॉलेजों से हाे रही है, क्योंकि दोनों की योग्यता एक जैसी है।
इस पर भनोत ने कहा कि बीच में इस पद पर एक आईएएस अफसर को नियुक्त किया गया। जबकि एआईसीटीई के नियमानुसार इस पद पर किसी तकनीकी योग्यता वाले व्यक्ति की नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि क्या सरकार को 10 साल में इस पद के लिए कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला। इस पर गुप्ता ने कहा कि ये पद सीधी भर्ती का हो गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक कर सेवा भर्ती नियमों में सुधार किया जा रहा है। भनोत ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि तकनीकी शिक्षा संचालक के मामले में सरकार घोड़ों के पैरों में जंजीर बांधकर गधों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने से ही घोटाले होते हैं।
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