
जानकारी के मुताबिक, स्टेशनरी दुकान संचालक और भाजपा नेता विनय गुप्ता नगर परिषद में स्टेशनरी सप्लाई करता है. इसके बिलों के भुगतान के लिए जब वो सीएमओ मिश्रा के पास गया तो सीएमओ ने उससे बिल क्लीयरेंस के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर दी.
रिश्वत नहीं देने पर सीएमओ ने विनय गुप्ता का बिल भुगतान अटका दिया. जिसके बाद परेशान विनय ने इसकी शिकायत रीवा लोकायुक्त से की. लोकायुक्त की टीम ने जांच में फरियादी की शिकायत को सही पाया, जिसके बाद भ्रष्ट सीएमओ को पकड़ने की योजना तैयार की गई.
इस योजना के तहत बुधवार को भाजपा नेता विनय गुप्ता 10 हजार रुपये नकद और 90 हजार का चेक लेकर सीएमओ को रिश्वत की राशि देने पहुंचा. जैसे ही सीएमओ महेंद्र मिश्रा ने राशि और चेक विनय से लिए वैसे ही वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा.