धान घोटाला: हाईकोर्ट में याचिका, कलेक्टर को नोटिस

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सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा बालाघाट जिले से विदिशा जिले के लिये भेजा गया लगभग 50 हजार क्विंटल चांवल जिसे अमानक एवं निर्धारित मापदंड का ना होने के कारण जिला प्रबंधक विदिशा द्वारा अमान्य करते हुये सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण करने पर रोक लगा दी थी। 

महाप्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल द्वारा विदिशा भेजे गये अमानक चांवल को संबंधित राईस मिलर्स से 7 दिन के अंदर अपग्रेड करने के निर्देश दिये गये थे, अगस्त 2015 मे जारी किये गये अपग्रेड के इन निर्देशों के बावजूद भी दिसंबर 2015 तक केवल 4700 क्विंटल चांवल अपग्रेड किया था। इस संबंध मे जिले के वरिष्ट पत्रकार आनंद ताम्रकार द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर इस चांवल को प्रदाय करने वाले राईस मिलर्स और संलिप्त अधिकारियों के विरूद्ध खादय सुरक्षा अधिनियम 2013 मे पारित कानुनी प्रावधानों के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया था जिसके परिपेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इसे गंभीर मानते हुये कलेक्टर बालाघाट को 8 सप्ताह के अंदर याचिका में दर्शित मुददों की छानबीन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं, याचिका स्वीकृत होते ही राईस मिलर्स और खरीदी मे संलिप्त नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों में खलबली मच गई याचिका स्वीकत होेने के पश्चात कलेक्टर बालाघाट द्वारा इस संबंध मे की गई प्रथम सुनवाई मे जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम बालाघाट द्वारा कलेक्टर को यह अवगत कराया गया की सभी राईस मिलर्स ने भेजे गये चांवल को अपग्रेड करा दिया है। इस संबंध में जब पडताल की गई और राईस मिलर्स से जानकारी ली गई तो पता चला की 10 हजार प्रति लाट का नजराना लेकर जिला प्रबंधक विदिशा द्वारा संबंधित राईस मिलर्स को चांवल अपग्रेड किये जाने का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है आश्चर्य की बात यह है कि नजराना के चलते ऐसे राईस मिलर्स को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिये गये है जो विदिशा पहुंचे ही नही।

राईस मिलर्स ने यह भी बताया की अपग्रेड के नाम पर चांवल का छन्ना करवाकर खानापूर्ति की गई है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि जिन राईस मिलर्स और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से चांवल खरीदा गया था उन्हे क्लिीन चिट भी दे दी गई है। इस तरह का घोटाला केवल बालाघाट जिले तक ही सीमित नही है बल्कि सिवनी जबलपुर, मण्डला, शहडोल आदि जिलों में घटिया चांवल खरीदकर सार्वजनिक वितरण प्र्रणाली के माध्यम से वितरण करवाया जा रहा है यह भी उल्लेखनीय है कि महाप्रबंधक द्वारा यह निर्देशित किया गया था कि अमानक चांवल की खरीदी में शामिल जिन गुणवत्ता निरीक्षकों की संलिप्तता पाई गई है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये लेकिन कार्यवाही तो दूर रही अभी भी उन्ही लोगों के द्वारा ऐसे चांवलो की खरीदी कर गोंदामो मे भंडारण कराया जा रहा है। इस तरह की शिकायत आदिवासी अंचल बैहर स्थित वेयर हाउस से प्रतिदिन मिल रही है।
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