डिंडोरी। नसबंदी के बाद भी एक महिला के गभर्वती होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि महिला को एक माह का गर्भ था, तब उसकी नसबंदी कर दी गई थी. मामला सामने आते ही जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
दरअसल, मामला 2015 अक्टूबर का है. जब महिला वंदना बाई अपनी मर्जी से अमरपुर स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी करवाने पहुंची थी. स्वास्थ्य केंद्र में वंदना का परीक्षण भी हुआ और नसबंदी कर दी गई.
जिसके कुछ दिनों बाद महिला को पता चला कि उसके पेट में नसबंदी के बावजूद भी गर्भ ठहर गया और भ्रूण पांच माह का भी हो गया है. जबकि उसके पहले से तीन बच्चे है। महिला का अारोप है कि नसबंदी के समय उसके पेट में एक माह का गर्भ था. इस बात को डॉक्टरों ने टारगेट पूरा करने के चक्कर में छिपा लिया और उसकी नसबंदी कर दी थी।
इसकी शिकायत लेकर वह अपने पति कृष्ण कुमार के साथ अमरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, तो विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी ने उसे गर्भपात कराने की सलाह दे डाली. इस बात से परेशान पीड़ित वंदना ने कलेक्टर छवि भरद्वाज के पास शिकायत दर्ज कराई. जहां पूरा मामला समझने के बाद कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष जैन को तलब किया. कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि महिला का परीक्षण कर प्रसव अस्पताल में कराया जाए और उसे हर्जाना भी दिया जाए.