
पूरे प्रदेश में एक पखवाड़े से ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक हड़ताल पर हैं. प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में तालाबंदी जारी है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समेत कई समस्याएं अब विकराल रूप लेती जा रही हैं.
यही नहीं, प्रदेश में मनरेगा के काम पूरी तरह ठप्प हैं. वहीं, मजदूरों का पलायन भी शुरू हो गया है. पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्थाएं नहीं कीं, तो ग्रामीण क्षेत्रों के हालात बदतर हो सकते हैं.
उधर, हड़ताल से परेशान पंचायत प्रतिनिधियों ने अब प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. त्रिस्तरीय पंचायती राज संगठन के बैनर तले सरपंचों ने रतलाम में रैली निकाली. त्रिस्तरीय पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक डीपी धाकड़ ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि सात दिनों में पंचायत के सचिवों और रोजगार सहायकों की हड़ताल पर फैसला नहीं हुआ, तो प्रदेशभर के पंचायत प्रतिनिधि भोपाल में डेरा डालकर सरकार का घेराव करेंगे.