
मुकेश नायक ने ये लगाए आरोप
इग्नू ने मध्यप्रदेश के हजारों शिक्षकों की डीएड परीक्षा आयोजित कराने के लिए फीस ले ली और ये परीक्षाएं कराने के लिए आईसेक्ट विवि को आउट सोर्स कर दी और दोनों ने फीस के इकट्ठा हुए 250 करोड़ की बंदरबांट कर ली, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। आगे की परीक्षाओं के लिए ये छात्र भटक रहे हैं।
आरकेडीएफ संस्था पर फर्जी एफडी के मामले में सीबीआई जांच कर रही है, उसे चार विवि खोलने की अनुमति दी गई। दो विवि आरकेडीएफ, सत्य साईं भोपाल में हैं। जबकि डॉ. एपीजे कलाम इंदौर में और एसआरके सीहोर में है। इन चारों विवि में बीएड, डीएड और एमडी की निर्धारित से कई गुना ज्यादा एडमिशन हुए हैं।
ऐसे शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप
मुकेश नायक -यदि मंत्री पाक साफ हैं तो सदन में अभी खड़े होकर इन दो विषयों को लेकर सीबीआई जांच की घोषणा करें। मेरे आरोप झूठ निकलें तो विधानसभा की समिति बनाकर जांच करा लें। मैं सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा।
जीतू पटवारी - व्यापमं घोटाले से पूरे विश्व में प्रदेश का मुंह काला हुआ उसको कैसे धो सकते हैं। व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया सदन की इजाजत नहीं ली गई। क्या सरकार निजी विवि व्यापमं से बड़ा घोटाला करने की तैयारी में नहीं हैं।
उमाशंकर गुप्ता - आपमें दम है, सत्यता है तो बाहर आरोप लगाइए।
नायक- अरे आप क्या बात करते हो, मैं अभी सदन के बाहर आरोप लगाऊंगा। मुझे आप जानते नहीं हो, आपके घर के सामने पत्रकारवार्ता बुलाकर सारी बात उजागर करूंगा।
गुप्ता- हाउस में बिना नोटिस दिए आरोप लगाए गए, यह किस नियम के तहत है।
उपाध्यक्ष राजेंद्र सिहं- हां, नोटिस देना चाहिए। नियमानुसार पर यह कहा जाए कि बाहर लगाओ यहां मत लगाओ, ऐसा नहीं।
गुप्ता- मैं हाउस की बातों को कोर्ट में नहीं ले जा सकता।
नायक- इस तरह से धमकी देना थोड़ी उचित है, आप मंत्री हैं, आप सुधरने की बजाए धमकी दे रहे हैं।
पटवारी- मंत्री जी का यह व्यवहार थोड़ा गुंडे जैसा दिखता है।