
धरना स्थल पर देर तक नारेबाजी करने के दौरान आशाओं ने बताया कि उनकी मांगों पर शासन यदि कोई निराकरण नहीं करती तो आगामी छः अप्रैल से वे अनिश्चित कालीन हडताल शुरू कर देगी। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनकी पांच सूत्रीय मांगे हैं, जिनमें कुशल श्रमिक के बराबर 8810 रूप्ए प्रतिमाह भुगतान, ग्राम में एक से अधिक आशा कार्यकर्ता होने पर दस हजार रूप्ए मानदेय, प्रेरक राशि के बदले मानदेय, आशा कार्यकर्ता का बीमा 5 लाख रूप्ए का कराए जाने, राष्ट्रीय कार्यक्रम में कार्य का प्रतिदिन का मानदेय 200 रूप्ए दिए जाने की मांग प्रमुख है। ज्ञापन देने के बाद उनकी मांगों के पूरा नहीं होनेे पर आगामी 6 अप्रैल से अनिश्चित कालीन हडताल की जाएगी।
इनका कहना है
संगठन की जिलाध्यक्ष ममता पटेल ने बताया कि शासन उन लोगों के साथ अन्याय कर रही है। यदि उनका मानदेय नहीं बढाया जाता। साथ ही उनकी केवल पांच मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वे अपनी घोषणा के मुताबिक हडताल पर काम बंद करके जाएगी। उनकी हडताल तभी समाप्त होगी। जब शासन उनकी मांगे मान लेगा। इसलिए पहले हम लोगों ने ज्ञापन देकर हडताल के पहले ही मांगों को माने जाने की बात कही है।