भोपाल। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिसमें 19 मान्यता एवं 13 गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन सम्मिलित है के आव्हान पर आंदोलन के तीसरे चरण में आज 11 मार्च को प्रदेश भर में लगभग 5 लाख अधिकारी कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर सरकारी कामकाज को पूर्ण रूप से ठप्प कर दिया। जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि मोर्चा ने अत्यावश्यक सेवायें जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, जलप्रदाय आदि को आंदोलन से मुक्त रखा था फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक रजिस्टरी, नकल आदि के लिये परेशान होते देखे गये। पूरे प्रदेश में आंदोलन की 90 प्रतिशत सफलता का दावा मोर्चा के नेताओं ने किया है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयुक्त सचिव लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि राजधानी भोपाल में सतपुडा एवं विंध्याचल के अधिकांष विभागाध्यक्ष कार्यालय खाली थे। इसके अलावा नर्मदा भवन, अमरकंटक भवन जिला कलेक्टरेट, लोकायुक्त, पर्यावास भवन आदि में भी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। निगममण्डल कर्मचारियों ने आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया।
सतपुडा भवन पर मोर्चा के घटक संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए तथा जमकर नारेबाजी की एवं सतपुडा भवन से एक रैली मंत्रालय, विंध्याचल भवन से वापस सतपुडा भवन तक निकाली। मोर्चा के पदाधिकारियों ने एक निंदा प्रस्ताव पास कर सामूहिक अवकाष आंदोलन का विरोध करने वाले संगठनों के पदाधिकारियों की निंदा कर इन्हें सरकार की गोद में बैठा संगठन निरूपित करते हुए ऐसे संगठनों को कर्मचारियों हितों के लिये घातक बताया।
सतपुडा भवन पर कर्मचारियों की एक सभा को मोर्चा के संरक्षक भुवनेष पटेल, वीरेन्द्र खोंगल, एल.एन. कैलासिया, मोर्चा के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष अरूण द्विवेदी सहित एम.पी. द्विवेदी, साविर खान, महेन्द्र शर्मा, अषोक शर्मा, महेन्द्र कुमार सक्सेना, आर.एस. परिहार, लक्ष्मीनारायण शर्मा, रविकांत बरोलिया, विजय रघुवंषी, अनुपम राजन, डा. सुरेष गर्ग, अषोक पाण्डेय, राजकुमार चंदेल, वियज रघुवंषी, प्रमोद तिवारी, सुभाष शर्मा, सोहन दास शर्मा,निहाल सिंह जाट, विजय रायकवार,रमेष राठौर,अजय श्रीवास्तव नीलू, भानू प्रकाष तिवारी,आदि कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया ।
मोर्चा के संयुक्त सचिव लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि शीघ्र ही मोर्चा के घटक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित कर आंदोलन की समीक्षा की जायेंगी तथा आगामी आनिष्चितकालीन हड़ताल आंदोलन की तिथि की घोषणा की जायेंगी ।