
विधायक आरिफ अकील ने बरकतउल्ला विवि के कुलपति एमडी तिवारी के खिलाफ प्रदेश और अन्य प्रदेशों में गबन, वित्तीय अनियमितताएं व अवैध नियुक्तियों की जांचों को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने कहा कि जब एमडी तिवारी के खिलाफ कई शिकायतें थीं जिनकी रिपोर्ट शासन के पास थी तो उन्हें कुलपति क्यों बनाया। इस प र उच्च शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस विधायक को कुलपति चयन की प्रक्रिया के बारे में बताया और कहा कि राज्यपाल यानि कुलाधिपति विवि के कुलपति की नियुक्ति करते हैं और इसमें सरकार का कोई सरोकार नहीं होता।
सरकार ने स्वीकार किया कि बरकतउल्ला विवि के कुलपति तिवारी के खिलाफ 9 अक्टूबर को रिटायर्ड जस्टिस एके गोहिल द्वारा जांच की जा रही है और उन्हें छह सप्ताह में रिपोर्ट देना था लेकिन काम पूरा नहीं होने पर उनका समय बढ़ाया गया। सरकार ने कुलपति के खिलाफ आई शिकायतों को लेकर राजभवन सचिवालय को छह पत्रों के माध्यम से सूचित किया गया था। अकील ने दिल्ली के दबाव की बात कही तो उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेरे ऊपर किसी का दबाव नहीं चलता और अगर जरूरत पड़ी तो बरकतउल्ला विवि में धारा 152 भी लगा दी जाएगी।