
यह घोषणा आज विधानसभा के प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव के लिखित सवाल के जवाब में मंत्री ने की। लाखन सिंह ने ग्वालियर वन मंडल में कराए जा रहे निर्माणकार्यों तता जिले की वन समितियों द्वारा वाहन चालकों व सुरक्षाकार्यों पर 31 मार्च 2015 तक की तीन साल की अवधि के खर्च को लेकर सवाल किया था। इसमें उन्होंने पूरक प्रश्न में कहा कि वन समितियों में कई मृत लोगों के नाम हैं और उनके नामों से आहरण भी हो रहा है। विधायक ने इसको लेकर सरकार से मांग की कि इसकी जांच कराई जाए तथा मृतकों के नाम से आहरण करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
वन मंत्री डॉ. शेजवार ने पहले कहा कि जहां-जहां वन समितियों के सदस्यों की मृत्यु हो गई है, उनके स्थान दूसरे सदस्य नियुक्त किए जाएंगे और जिन स्थानों की वन समितियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, उन्हें बदला जाएगा। उन्होंने इससे इनकार किया कि किसी भी मृत वन समिति सदस्य के नाम से कोई आहरण किया गया है। जब लाखन सिंह ने एक दीर्घा की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक मृत व्यक्ति का परिजन बैठा है जिसके पिता का नाम वन समिति में है तो मंत्री ने इस तरह दीर्घा की इशारे करना संसदीय परंपरा के प्रतिकूल है। इसके बाद भी मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने वन समितियों में मृत लोगों के नाम होने तथा उनके नाम आहरण की जांच कराने की सीधी घोषणा की मांग की तो वन मंत्री ने कहा कि विधायक लाखन सिंह यादव और राम निवास रावत को साथ रखकर वन समितियों के एक-एक सदस्य के घर जाकर जांच की जाएगी और अगर ऐसे मृतकों के नाम आहरण हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी।