भोपाल। मप्र राज्य सूचना आयोग ने समय पर रेकार्ड उपलब्ध न कराने के कारण तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्रीराम लोधी को सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7 के तहत सूचना प्रदाय करने में अवरोध उत्पन्न करने का दोषी करार देते हुए दस हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है। साथ ही लोधी को आदेषित किया है कि अपीलार्थी को निःषुल्क मुहैया कराने वाली जानकारी का खर्च भी वे ही वहन करेंगे।
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने इस संबंध में दायर अपील की सुनवाई करने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया है। फैसले में कहा गया है कि शिवपुरी जिला निवासी उषा लोधी ने जनपद पंचायत पिछोर से ग्राम पंचायत भगवां में विभिन्न योजनाओं के तहत 7 वर्षों में हुए निर्माण कार्यों से संबंधित जानकारी चाही थी जो नियत समय सीमा में प्रदाय नहीं की गई।
जनपद पंचायत द्वारा तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत भगवां श्रीराम लोधी को जानकारी प्रदान कराने के लिए आदेषित किया गया, किन्तु उनके द्वारा जानकारी उपलब्ध नही कराई गई। वर्तमान पंचायत सचिव ने आयोग को अवगत कराया कि उन्हें तत्कालीन पंचायत सचिव लोधी द्वारा चार्ज में रेकार्ड नहीं सौंपा गया, जिसके कारण जानकारी नहीं दी जा सकी।
सीईओ जनपद पंचायत ने आयोग को बताया कि उनके द्वारा निर्देशित किए जाने के बावजूद लोधी द्वारा अपीलार्थी को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रथम अपील की सुनवाई में भी लोधी उपस्थित नहीं हुए और न ही उनके द्वारा रेकार्ड उपलब्ध कराया गया। इस पर लोधी के विरूध्द अनुषासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई। इसके बाद भी लोधी द्वारा रेकार्ड न दिए जाने पर लोधी के विरूध्द पंचायत राज कानून की धारा 69 (1) के तहत निलंबन एवं उचित दंडात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव सीईओ जिला पंचायत शिवपुरी को भेजा गया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि पंचायत में तत्कालीन सचिव - सरपंच की मिलीभगत से शासकीय ट्रेक्टर बेच देने, तत्कालीन सचिव लोधी द्वारा विधायक/सांसद मद की 62,500/- रू. की राशि का आहरण कर खुदबुर्द करने, पंच परमेश्वर योजना की राशि 3,27,500/- रू. का आहरण करने, बिना कोई निर्माण कराए पंचायत खाते में जमा राशि लगभग खत्म कर देने और पूरी राशि अपने निजी उपयोग में खर्च कर देने की शिकायत जांच में सही पाई गई है।
लोधी द्वारा वित्तीय अनियमितताएं करने के अलावा जनपद पंचायत की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में हमेशा अनुपस्थित रह कर तथा चाही गई जानकारी जमा न करा कर शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही भी बरती गई है जो अक्षम्य है।
आयुक्त आत्मदीप ने फैसले में कहा कि प्रकरण के तथ्यों से स्पष्ट है कि अनियमितताएं छुपाने की गरज से लोधी द्वारा समय पर वांछित रेकार्ड चार्ज में नहीं सौंपा गया। लोधी द्वारा इस संबंध में अपीलीय अधिकारी व सीईओ जनपद के निर्देष का भी पालन नहीं किया गया। लोधी द्वारा लगभग तीन वर्ष की देरी से वांछित रेकार्ड जनपद में तभी जमा कराया गया जब आयोग द्वारा दि. 23/12/15 को उन्हें आदेषित किया गया। उनके द्वारा पदेन दायित्व के निर्वहन में इरादतन कोताही बरती गई तथा वांछित रेकार्ड समय पर उपलब्ध न करवाकर सूचना प्रदान करने में अवरोध उत्पन्न किया गया।
इसलिए आयोग द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र का जो जवाब लोधी ने प्रस्तुत किया, अस्वीकार करार देते हुए उन पर 10 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। यह राशि एक माह में आयोग में जमा कराने के लिए आदेशित किया गया है।
आयुक्त आत्मदीप ने यह भी आदेशि दिया कि लोक हित में चाही गई जानकारी अपीलार्थी को रेकार्ड अवलोकन करा कर 15 दिन में निःशुल्क उपलब्ध करा कर आयोग के समक्ष सप्रमाण पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। लोधी द्वारा किए गए अनावष्यक विलंब के कारण अपीलार्थी को निःषुल्क जानकारी दिए जाने पर होने वाला व्यय लोधी खुद वहन कर इस संबंध में आयोग को अवगत कराएंगे।