1 लाख करोड़ के कर्जे में डूबा मप्र, प्रतिव्यक्ति 16000

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भोपाल। भोपाल। मप्र में भाजपा सरकार ने दिग्गीकाल का कर्जा चुकाया नहीं बल्कि दिग्गी का 5 गुना कर्जा चढ़ा दिया। 2003 में जब सत्ता भाजपा को मिली, मप्र पर 20 हजार करोड़ का कर्जा था, आज 1 लाख करोड़ हो गया। स्वभाविक है आने वाले समय में टैक्स और बढ़ाए जाएंगे, आपकी जेब कुतर कर ही तो चुकाया जाएगा 1 लाख करोड़ का ब्याज। 

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने विधानसभा में बताया है कि, राज्य पर 31 मार्च 2015 तक कुल कर्ज 82 हजार 261 करोड़ 50 लाख रुपए तक जा पहुंचा है. जबकि इससे पहले 31 मार्च 2003 की स्थिति में कुल 20 हजार 147 करोड़ 34 लाख रुपए का कर्ज था.

भाजपा विधायक मुकेश सिंह चतुर्वेदी के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इसमें बाजार, केन्द्र सरकार एवं अन्य संस्थाओं से लिया कर्ज भी शामिल है. यह आंकड़े पिछले वित्तीय वर्ष यानि 31 मार्च 2015 तक के हैं. मलैया ने बताया कि 30 जनवरी 2016 तक की स्थिति बता पाना इसलिए संभव नहीं है क्योंकि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) अगले वित्त वर्ष में इसके आंकड़े जारी करेंगे.

उधर, वित्त सचिव अमित राठौर ने बताया कि वर्ष 2005-06 से वर्ष 2014-15 तक सरकार ने कुल 49 हजार 779 रुपए का कर्ज लिया था. जो अब तक करीब 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश की सवा सात करोड़ जनसंख्या है. इस हिसाब से मौजूदा समय में हर व्यक्ति पर करीब साढ़े 15 हजार रुपए का कर्ज हो गया है.
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