राष्ट्रद्रोह: मोदी सरकार को HRW की फटकार

वॉशिंगटन: शीर्ष अमेरिकी मानवाधिकार ईकाई एचआरडब्ल्यू ने भारतीय प्रशासन से कहा कि वह जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार समेत अन्य शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रद्रोह के आरोप लगाना बंद करे।

ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा कि भारतीय प्रशासन को तुरंत वे सभी आरोप खत्म कर देने चाहिए जो स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन करते हैं और अदालत के भीतर हुए हमले की पूरी जांच करानी चाहिए और साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी के किसी भी समर्थक समेत घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

संगठन की दक्षिण एशिया मामलों की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने आरोप लगाया, ‘भाजपा सरकार शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को दंडित करने को आतुर प्रतीत होती है लेकिन राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा को अंजाम देने वाले समर्थकों की जांच को उतनी आतुर नजर नहीं आती।’ उन्होंने कहा, ‘प्रशासन को न केवल यह पता लगाने की जरूरत है कि अदालत के भीतर हमले में भाजपा समर्थक किस प्रकार शामिल थे बल्कि यह भी पता लगाने की जरूरत है कि पुलिस ने कुछ क्यों नहीं किया।’ संगठन ने कहा कि यह मामला इस तत्काल जरूरत पर रौशनी डालता है कि भारतीय संसद को देश के राष्ट्रद्रोह संबंधी कानून को रद्द कर देना चाहिए।

गांगुली ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनियाभर में भारतीय लोकतंत्र को एक आकर्षक बाजार के रूप में पेश कर रहे हैं लेकिन अपने घर में उनका प्रशासन शांतिपूर्ण असहमति का दमन कर रहा है । मूल अधिकारों की रक्षा में विफलता कोई अच्छा वैश्विक संदेश नहीं है।’

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!