भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान के निदेशक की नियुक्ति अवैध है

श्रीमान सम्पादक महोदय,
भोपाल समाचार 
भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान (केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय का स्वायात्त संस्थान) के अध्यक्ष केन्द्रीय पर्यटन मंत्री और उपाध्यक्ष- सचिव पर्यटन होते है,  इस संस्थान में एकमात्र पर्यटन प्रोफेसर संदीप कुलश्रेष्ठ है जिसकी नियुक्ति प्रोफेसर पद पर हुयी 2003 में तथा इन्ही को 2014 संस्थान का निदेशक बनाया गया। 

संदीप कुलश्रेष्ठ न तो 2003 में प्रोफेसर बनने लायक थे और न ही 2014 में निदेशक के। इनकी नियुक्ति में पर्यटन मंत्रालय के तत्कालीन आईएएस अधिकारी शामिल है जिसके प्रमाण मौजूद है 

प्रोफेसर का प्रकरण :-
विज्ञापन की शर्त के अनुसार 2003 में प्रोफेसर बनने के लिए 10 वर्ष का स्नातकोत्तर अनुभव आवश्यक था। संदीप कुलश्रेष्ठ जनवरी 6, 2003 को जब आवेदन करता है तो अपने आवेदन पत्र में कहता है बिंदु क्रमांक 3 एवं 4 में की वह माधव महाविद्यालय एम.बी. ए और एम.पी.ए की कक्षाओं में अध्यापन कार्य किया। 25 फ़रवरी 1991 से 27 जनवरी 1997 तक

श्रीमान सम्पादक महोदय यह संदीप कुलश्रेष्ठ द्वारा जानबूझकर गलत सूचना दी गयी, क्योकि माधव महाविधयालय में एम.बी. ए और एम.पी.ए की कक्षाओं का संचालन नहीं होता है आज तक (सूचना का अधिकार में जीवाजी विश्विद्यालय का जवाब संलग्नित है )
संदीप कुलश्रेष्ठ संस्थान में 1997 से 2003 तक DTM और MDP पढ़ा रहा था 

श्रीमान सम्पादक महोदय DTM और MDP को खुद संस्थान और AICTE स्नातकोत्तर अनुभव नहीं मानता (मंत्रालय का पेज 50 का बिंदु 3 देखे और बोर्ड के एजेंडा की तीसरी लाइन पढ़े) अतः संदीप कुलश्रेष्ट एक तो जानबूझकर गलत सूचना देता है तथा उसके पास 10 वर्ष का आवश्यक अनुभव नहीं था। 

एक कारनाम देखिये की एक ही दिन विशेषरूप से की 24 फ़रवरी 2003 को एक ही काम के लिए दो अध्यक्षों की अध्यक्षता में चयन समिति बनाई जाती है और दोनों ही चयन समिति के अध्यक्ष दस्तखत नहीं करते है।  (प्रतियां संलग्नित) 

निदेशक का प्रकरण 2014 का 
निदेशक बनने के लिए विज्ञापन के अनुसार विजिलेंस क्लीयरेंस आवश्यक थी। 
संदीप कुलश्रेष्ठ पर 12 जून 2014 को निदेशक पद के साक्षात्कार वाले दिन गाइड ट्रेनिंग मामले फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के तारतम्य में जांच लंबित थी (प्रमाण संलग्नित है )
दूसरी और महत्त्वपूर्ण बात यह की प्रोफेसर को विजिलेंस क्लीयरेंस केवल उपाध्यक्ष (सचिव-पर्यटन) ही जारी कर सकते थे जो श्री दीवान ने नहीं की स्वयं दीवान इस निदेशक भर्ती घोटाले में शामिल है। 

मनोज प्रताप सिंह यादव 
डी.एच - 86 सेक्टर  डी 
दीन  दयाल  नगर  ग्वालियर 
मध्य  प्रदेश  474005
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!