
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अभी तक बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा स्कीमों के तहत प्रीमियम काफी महंगा पड़ता है। चूंकि अधिकांश बुजुर्ग अपने बच्चों पर निर्भर हो जाते हैं, इसलिए उनके लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आमतौर पर नहीं ली जाती है। इसे देखते हुए सरकार ने सामाजिक सुरक्षा स्कीमों का दायरा बढ़ाते हुए उसमें बुजुर्गों के लिए खास स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक बीमा कंपनियों, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और लघु बचत स्कीमों व बैंकों में करीब दस हजार करोड़ रुपये की बिना दावे वाली रकम पड़ी है। बुजुर्गों के लिए प्रस्तावित योजना में इसी राशि को इस्तेमाल करने पर सरकार विचार कर रही है। योजना के तहत साठ वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए 50 हजार रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
पहले से चल रही बीमा योजनाओं की तरह इसे भी बैंक खाते से जोड़कर चलाया जाएगा। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी योजना के तहत सब्सिडी राशि को सीधे बुजुर्गों के खाते में जमा कराया जाएगा। सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बुजुर्गों के लिए बीमा प्रीमियम का 90 फीसद भुगतान खुद करेगी। इसके लिए राशि उनके बैंक खाते में जमा कराई जाएगी।
हालांकि, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि इस योजना को चलाने के लिए सरकार तमाम बैंक खातों, बीमा कंपनियों, भविष्य निधि वगैरह में लावारिस पड़ी रकम को जब्त नहीं करेगी। यदि कोई अपनी रकम का दावा करता है, तो उसे उसकी राशि लौटा दी जाएगी। साल 2015-16 के बजट में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत की थी। इसके अतिरिक्त अटल पेंशन योजना भी शुरू की गई थी।