
सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष केडी शुक्ला व अन्य का कहना था कि हमारी मांग तो पूरी ही नहीं हुई, जिला व जनपद के नेता पीली बत्ती व अधिकार ले गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि धाकड़ अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। जबकि सरपंचों की वजह से ही आंदोलन चला। प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी थे। मुख्यमंत्री की पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद नंदकुमार ने यह कहकर मामला गर्मा दिया कि धाकड़ भाजपा के साथ हैं। धाकड़ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और नंदकुमार सिंह चौहान ने भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। मैं पंचायत उपाध्यक्ष होने के नाते सरकार के साथ हूं, लेकिन भाजपा में नहीं जाऊंगा। कांग्रेसी हूं और रहूंगा।
मुख्यमंत्री ने सीएम निवास के हाल में पंचायत प्रतिनिधिमंडल से बात की। इसमें तोरण सिंह दांगी, मनमोहन नागर, रविराज यादव, विजयपाल सिंह राजपूत, अभय मिश्रा समेत अन्य शामिल थे। खफा सरपंचों का कहना है कि वे अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन करेंगे।