हरदा जिले में शहरी क्षेत्र के अध्यापक आर्थिक संकट में

हरदा। जिले में शहरी क्षेत्र के अध्यापकों को 02 माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। अध्यापक के शहरी के हेड में बंटन न होने से यह स्थिति बनीं है। शहरी क्षेत्र का बंटन आज तक नहीं आया है। अतः तीसरे महीने यानी फरवरी माह का वेतन भी नहीं हो सकेगा। तीन माह के वेतन के न होने से अध्यापक गहरे आर्थिक संकट में आ गया है। गौरतलब है कि अध्यापक भी सामाजिक प्राणी है वर्त्तमान में शादी विवाह का मौसम है।परंतु अध्यापकों का वेतन न होने से उसे आयश्यक कार्यों हेतु बाजार से पैसे उधार लेना पड़ रहा है। बिजली का बिल, बैंक लोन की क़िस्त चुकाना आदि सभी कामों में शहरी क्षेत्र के अध्यापकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदेश के अधिकांश जिलों में ग्रामीण हेड से शहरी हेड के अध्यापकों को वेतन भुगतान कर दिया गया है। परन्तु हरदा जिले में शहरी क्षेत्र के अध्यापकों को वेतन भुगतान नहीं हुआ है। अध्यापकों की आर्थिक समस्या को देखते हुए म.प्र.शासकीय संगठन की हरदा इकाई माननीय मुख्यमंत्री से मांग करती है कि शीघ्र ही अध्यापकों को वेतन भुगतान किया जाये।शहरी हेड में बंटन के आभाव में ग्रामीण हेड से वेतन कराया जावे। वेतन लेट होने की स्थिति में मजबूरन अध्यापकों को आंदोलन की तरफ अपना रुख करना पड़ेगा। परीक्षा के समय हम आंदोलन नहीं चाहते है।परंतु मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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