
जबकि पहले शासन ने ही एमसीआई को इन कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए आवेदन किया था। अब अगले सत्र में सात मेडिकल कॉलेज शुरू करने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने कॉलेज खोलने के लिए प्रति कॉलेज 189 करोड़ रुपए दिए हैं। वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के पहले शहडोल, विदिशा और रतलाम में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमिपूजन किया था।
इसके बाद दतिया, खंडवा, छिंदवाड़ा और शिवपुरी में कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया था। विदिशा में एमबीबीएस की 150 सीटें व बाकी जगह 100-100 सीटें हैं। 3 साल में सरकार ने न तो स्टाफ की भर्ती की और न ही बिल्डिंग बन सकी। एमसीआई के मापदंड के अनुसार बिल्डिंग 10 फीसदी भी तैयारी नहीं थी, फिर भी 2106-17 सत्र के लिए आवेदन कर दिया गया।
पिछले महीने दतिया और खंडवा मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के बाद एमसीआई ने भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है अभी न तो स्टाफ की भर्ती की गई है और न ही बिल्डिंग बनी है, इसलिए मान्यता किसी भी सूरत में नहीं दी जा सकती।
25 को बैठक में बताएंगे कॉलेज खोलने की योजना
एमसीआई निरीक्षण में फेल होने के बाद भारत सरकार ने प्रदेश सरकार से अपनी योजना बताने के लिए कहा है, जिससे अगले सत्र से कॉलेज शुरू किए जा सकें। संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. जीएस पटेल प्रस्ताव लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जाएंगे। उन्होंने बताया कि अगले सत्र से भी सातों मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी है।