मप्र के विधायकों की नियत पर सवाल, बयानबाजी में निकल दिया पूरा साल

भोपाल। प्रदेश की सवा सात करोड़ जनता के द्वारा निर्वाचित 230 विधायकों का आमजन के काम काज से कोई लेना देना नहीं है। इसकी असलियत विधायकों द्वारा खर्च की गई विधायक निधि की राशि से सामने आई है। इन माननीयों ने विधायक निधि की राशि का दस फीसदी भी अब तक खर्च नहीं किया है जबकि राशि लैप्स होने के लिए अब सिर्फ डेढ़ माह का समय बाकी है। विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधियों को हर साल विधायक निधि से उनके क्षेत्र में आम जन के काम कराने के लिए 77.34 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं।

यह राशि एक अप्रेल से 31 मार्च के बीच हर वित्त वर्ष में खर्च की जाती है। चालू वित्त वर्ष में 15 फरवरी तक विधायक निधि राशि के खर्च की जो स्थिति है, वह विधायकों की जनता के प्रति उदासीनता को उजागर करती है। सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष में सभी 230 विधायकों को इस निधि से खर्च के लिए कुल 177 करोड़ 87 लाख रुपए का प्रावधान राज्य सरकार ने किया है। इसके विपरीत विधायकों ने मात्र 16 करोड़ 84 लाख रुपए ही खर्च किए हैं। 

सिर्फ 9.46 प्रतिशत ही खर्च
विधायक निधि की राशि खर्च करने के लिए जिला योजना समिति को अब तक की गई अनुशंसा के मुताबिक चालू साल में अभी 161 करोड़ 2 लाख रुपए खर्च करने की अनुशंसा किया जाना बाकी है। यह कुल राशि का महज 9.46 प्रतिशत है। ऐसे में अब वित्त वर्ष के शेष बचे 45 दिनों में ही विधायकों को आनन-फानन राशि खर्च करने की अनुशंसा करनी होगी। ऐसा नहीं किया गया तो यह राशि लैप्स हो जाएगी।

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