भोपाल। जिला पंचायत अध्यक्षों को लाल और उपाध्यक्षों को वाहन में पीली बत्ती लगाने की पात्रता देने का मामला उलझ गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते सरकार निर्णय नहीं कर पा रही। वहीं, उपाध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा नहीं होने से पीली बत्ती देने का मामला अटक गया है। हालांकि, बीजेपी संगठन की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों को शनिवार को फिर भरोसा दिया गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर कोई रास्ता निकाला जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधि ज्यादातर मांगें पूरी होने पर रविवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री का सम्मान करेंगे। सूत्रों के मुताबिक पंचायत प्रतिनिधियों की दो मांगें अभी पूरी नहीं हो पाई हैं। इसमें लाल-पीली बत्ती की पात्रता और उप समितियों की समाप्ति शामिल हैं। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि उपाध्यक्षोंं को पीली बत्ती की पात्रता तीन साल पहले तक थी। इसे एकाएक समाप्त कर दिया गया। अधिकारियों ने पंचायतराज व्यवस्था में कब्जा जमाने के लिए उपसमितियां गठित कर दी थीं। इन्हें अभी समाप्त नहीं किया गया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक हाईपावर समिति गठित की जा रही है, जो देखेगी कि जिला व जनपद पंचायतों को और क्या अधिकार देने हैं। इन मुद्दों का भी समाधान हो जाएगा। संगठन और सरकार के बीच मध्यस्थता निभाने वाले बीजेपी पदाधिकारियों ने शनिवार को फिर भरोसा दिलाया कि वादे के मुताबिक सभी मांगें पूरी की जाएंगी।
पंचायतों को अधिकार सौंपे जाने को लेकर प्रदेशभर के पंचायत प्रतिनिधि रविवार दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री निवास में एकत्र होंगे। यहां मुख्यमंत्री का सम्मान किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव मौजूद नहीं रहेंगे। वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते गृह क्षेत्र गढ़ाकोटा में व्यस्त बताए जा रहे हैं।