
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में राजस्थान के छोटी सादड़ी निवासी चिमन पिता शंकरलाल शर्मा (35), आशुतोष पिता नंदकिशोर उपाध्याय (40), नंदकिशोर पिता मन्नालाल उपाध्याय (60) वर्ष और पंकज पिता शिवशंकर शर्मा (30) ने गोल्डन फ्यूचर एडवाईज़र कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का ऑफिस खोला था.
कंपनी को ये लोग पूर्व में राजस्थान में चला रहे थे. इन्होंने आम लोगों को बताया कि हम बैंकाक, सिंगापुर और मलेशिया में सोने के कारोबार में जनता का पैसा इन्वेस्ट करते हैं. हमारे यहां रुपए जमा कराने पर दो प्रतिशत मासिक ब्याज देंगे.
इस मामले में नीमच निवासी भूपेंद्र गौड़ ने बताया कि उन्होंने इस कंपनी में 16 लाख रुपए जमा करवाए थे. नीमच से करीब पचास लाख रुपए और पूरे राजस्थान और एमपी में करीब तीन सौ करोड़ रुपए आम लोगों ने इस कंपनी को दिए, लेकिन यह कंपनी आम जनता का रुपए लेकर भाग गई. जिसकी मेरे दुआरा कोतवाली थाने में वर्ष 2014 में एफआईआर की गयी थी.
फरियादी गौड़ की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी नंदकिशोर और पंकज को पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था. एमडी चिमन शर्मा को जयपुर पुलिस ने पकड़ा, जो तीन साल से जेल में था. वहीं, एमपी पुलिस रविवार चिमन शर्मा को नीमच लाई है, जबकि एक आरोपी आशुतोष अभी भी फरार है.
एसपी मनोज सिंह ने बताया कि, एमडी चिमन शर्मा के जयपुर जेल में बंद होने का कुछ दिनों पूर्व ही पता चला था. जिसके बाद एमपी पुलिस उसे नीमच लाई है. इससे पूछताछ की जा रही है. हालांकि, अभी एक आरोपी आशुतोष की और तलाश की जा रही है.