चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट के जज सीएस करनन और सुप्रीम कोर्ट में जबरदस्त ठन गई है। पहले जस्टिस करनन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अपने ही ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से लिखित सफाई मांग ली। इस पर भड़के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जस्टिस करनन को कोई काम नहीं दिया जाए।
इससे पहले अपने तरह से पहले मामले में मद्रास हाई कोर्ट की एकल बैंच ने सुप्रीम कोर्ट के जारी किए जज सीएस करनान के ट्रांसफर पर स्टे लगा दिया। खास बात यह है कि इस एकल बेंच के जज सीएस करनान ही थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनका ट्रांसफर कोलकाता कर दिया था।
मामला यही नहीं रूका। जस्टिस करनान ने देश के चीफ जस्टिस को अपना लिखित जवाब हाई कोर्ट में पेश करने को भी कहा है। जस्टिस करनान ने अपने फैसले में लिखा है, यॉर लॉर्डशिप, मैं अनुरोध करता हूं कि आप अपने सहयोगियों के माध्यम से 29 अप्रैल तक अपना लिखित स्टेटमेंट भी सबमिट करें। तब तक ट्रांसफर आदेश पर स्टे लगाना ठीक रहेगा।
उन्होंने अपने ट्रांसफर ऑर्डर को अस्थायी 'सिफारिश आदेश' करार दिया और कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को उनके न्यायाधिकार में दखल नहीं देना चाहिए। जस्टिस करनान ने फैसले में लिखा है, यॉर लॉर्डशिप, मैं आपके अनुरोध करता हूं कि आप मेरे न्यायाधिकार में दखल न दें क्योंकि मैं योग्यता के आधार के एक आदेश को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हूं।