
95 वर्षीय हीराबाई प्रजापति को जगाने के लिए बुधवार सुबह जब परिजन गए तो वो मृत मिली. उनकी मौत की खबर पर सभी गमगीन हो गए. मृत्यु की खबर सभी परिजनों को भी दे दी गई. सुबह सात बजे हुई इस घटना के बाद हीराबाई के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई. उनके पार्थिव शरीर को अर्थी पर रख दिया गया, इसी बीच अचानक मृत शरीर में हरकत हुई और उसकी सांसे चलने लगी. देखते ही देखते महिला की आंखें खुली और वो अर्थी पर उठ कर बैठ गई.
ये सब देख कुछ लोग हैरान रह गए तो कुछ डर गए. जब हीराबाई ने अपने हाथ हिलाए तब सभी को उनके जिंदा होने का यकीन हुआ. जिसके बाद विलाप करते परिजनों में खुशी फैल गई. इसके बाद बकायदा नाश्ता बनाया गया और उसे हीराबाई को दिया गया. उनके साथ उनके बच्चों और पोते-पोतियों ने भी नाश्ता किया. नाश्ता करने के बाद अचानक उनकी तबीयत फिर बिगड़ी और जिंदा होने के ढाई घंटे बाद एक बार फिर उनकी सांसें थम गईं.
परिजनों की मानें तो हीराबाई ने पिछले 15 दिन से कुछ भी नहीं खाया था, जिससे वो काफी कमजोर हो गई थी. परिजन उन्हें दूध आदि जबरदस्ती पिलाया करते थे. मृत्यु के बाद जिंदा होने पर ये 15 दिन बाद था जब हीराबाई ने कुछ खाया था, जिसके बाद वो दुनिया छोड़ गईं. वो बोल-सुन नहीं सकती थी इसलिए मृत्यु के बाद जिंदा होने पर वो किसी को कुछ बता भी नहीं पाईं.