जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए छिंदवाड़ा में पदस्थ अपर कलेक्टर आलोक श्रीवास्तव के निलंबन पर रोक लगा दी। इसके साथ ही राज्य शासन, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, संभागायुक्त जबलपुर और छिंदवाड़ा के कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे व एडवोकेट हरजीत छाबरा ने रखा। उन्होंने दलील दी कि जबलपुर के संभागायुक्त गुलशन बामरा व छिंदवाड़ा कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी ने एकपक्षीय तरीके से कार्रवाई की है। नियमानुसार बिना सुनवाई का अवसर दिए, निलंबन नहीं किया जा सकता। यह नैसर्गिक न्याय-सिद्घांत का तकाजा है। लिहाजा, 13 जनवरी व 23 जनवरी 2016 को जारी किए गए दोनों आदेश, जिनसे याचिकाकर्ता का नुकसान हुआ, स्टे किए जाने योग्य हैं। कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर अंतरिम स्थगन-आदेश जारी कर दिया।
क्या है विवाद- छिंदवाड़ा के कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी व अपर कलेक्टर आलोक श्रीवास्तव के बीच विवाद का वीडियो-ऑडियो वाट्सअप के जरिए सार्वजनिक हो गया है। इस तरह आंतरिक प्रशासनिक विवाद को वेब जर्नलिज्म की विषय-वस्तु बनाए जाने पर कलेक्टर भड़क गए और संभागायुक्त तक शिकायत पहुंचा दी। जिसके बाद अपर कलेक्टर श्रीवास्तव पर कार्रवाई की गाज गिर गई।