
इसी मामले में शनिवार को ट्रायल के पहले दिन डीएसपी संतोष कौल गवाह के रूप में पेश हुए थे. उनसे आतंकियों की तरफ से इस मामले में पैरवी कर रह वकील परवेज आलम सिद्दीकी ने पूछा कि आखिर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे से उन्हें क्या आपत्ति है? वकील के इस सवाल से अदालत में मौजूद लोग हैरान रह गए.
हालांकि, डीएसपी ने अपने जवाब में कहा कि कोर्ट परिसर में किसी तरह का कोई नारा नहीं लगाया जा सकता. इस मामले में जेल में बंद एक आरोपी इकरार ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीएसपी से सवाल किए. इकरार अपने केस की खुद पैरवी कर रहा है. उसने डीएसपी से कई सवाल पूछें जिसमें, नारे सभी लोगों ने लगाए, उसने कौन सा नारा लगाया और आप इस्लाम को क्या समझते हैं?, सवाल शामिल थे. डीएसपी ने सभी सवालों के जवाब दिए. इस्लाम से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ' मैं इस्लाम को धर्म समझता हूं.'
नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने के बाद लगे थे नारे
लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे आने के बाद सिमी आतंकियों ने पेशी के दौरान अदालत परिसर में नारेबाजी की थी. उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद, इस्लाम जिंदाबाद, पूरी दुनिया में हमारा राज होगा. इसके अलावा तालिबान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए कहा था कि अब मोदी की बारी. इस नारेबाजी के बाद से ही सभी आतंकियों की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई होती है.