भोपाल। शिक्षिका का यौन शोषण करने के आरोप में फंसे महर्षि विवि के चेयरमैन गिरीशचंद्र वर्मा की दोषमुक्ति को राज्य सरकार और पीड़ित महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। चीफ जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ ने वर्मा के खिलाफ दायर अर्जियां मंजूर करते हुए इन मामलों पर अंतिम सुनवाई करने को कहा है। 29 दिसंबर 2014 को हुई गिरफ्तारी के बाद वर्मा को 31 जनवरी 2014 को हाईकोर्ट से जमानत मिली। इसके बाद भोपाल की निचली अदालत ने 22 सितंबर 2015 को गिरीश वर्मा को बेकसूर बताते हुए बरी कर दिया था। इस पर राज्य सरकार और पीड़ित महिला की ओर से दोषमुक्ति के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ और पीड़ित महिला की ओर से अधिवक्ता अमित वर्मा हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपील की अनुमति प्रदान करते हुए गिरीश वर्मा के खिलाफ अंतिम सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।