
विधानसभा सचिवालय के अफसर कहते हैं निश्चित रूप से इस बार सवाल पूछने वाले विधायकों की संख्या भी बढ़ी है। इससे पहले प्रश्न पूछने वाले विधायकों की संख्या बमुश्किल 100 ही पार कर पाती थी और प्रश्नों की संख्या भी लगभग पांच हजार ही रहती थी।
पूरे समय तक सत्र चलने और आम जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए सत्र शुरू होने के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रामनिवास रावत कहते हैं कि प्रदेश के किसान परेशान हैं। किसानों की आत्महत्या के मामले में मप्र का स्थान देश में तीसरा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाका आधा-अधूरा ड्राफ्ट है। इसका किसानों को क्या लाभ मिलेगा अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है। पेयजल संकट गहरा रहा है। इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि आगामी सत्र बड़ा महत्वपूर्ण सत्र है। प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण के माध्यम से जनहित के मुद्दों पर चर्चा कराई जाएगी। कई विधेयक भी प्रस्तावित हैं जिन्हें पारित कराया जाएगा।