लाहौर। शहीद ए आजम भगत सिंह की जालिम ब्रिटिश पुलिस अफसर जेपी सांडर्स हत्याकांड में बेगुनाही साबित करने को दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए पाक की कोर्ट तैयार हो गई है। 17 दिसंबर, 1928 के इस हत्याकांड की सुनवाई लाहौर हाईकोर्ट की पीठ बुधवार से करेगी।
ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ खुला विद्रोह करने के कारण शहीद भगत सिंह को राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटका दिया गया था। याचिका में शहीद भगत सिंह को बेगुनाह करार देने का आग्रह किया गया है।
दरअसल पाकिस्तान स्थित भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने इस मामले में लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। इस पर मई, 2013 में आखिरी बार सुनवाई करते हुए जस्टिस सुजात अली खान ने मामले को बड़ी बेंच के हवाले कर दिया था। 2014 में कुरैशी ने पुलिस से सांडर्स हत्याकांड की एफआइआर की प्रति हासिल कर ली। इसमें भगत सिंह का नाम नहीं था। इस पर पिछले वर्ष नवंबर में कुरैशी ने फिर याचिका दाखिल कर शहीद ए आजम को बेगुनाह करार देने का आग्रह किया।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि अविभाजित भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले भगत सिंह को खुद पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने दो बार श्रद्धांजलि दी थी। वह हमारे भी स्वतंत्रता सेनानी हैं।