मप्र सरकार ने 'घर-घर में बीयरबार' वाली शराब नीति वापस ली

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में वाणिज्यकर विभाग की समीक्षा की। उन्होंने 10 लाख से अधिक आय वाले कर दाताओं को 100 बोतल शराब रखने की अनुमति के प्रस्ताव को नामंजूर कर प्रावधान को प्रस्तावित आबकारी नीति से हटाने के निर्देश दिये। बैठक में वाणिज्यकर मंत्री श्री जयंत मलैया, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव वाणिज्य कर श्री मनोज श्रीवास्तव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

बताया गया कि राज्य में लीज और किरायेनामे पर देय स्टाम्प शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी गई है। माइनिंग लीज की स्टाम्प शुल्क संगणना को सरल व पारदर्शी बनाया गया है। ऋण संबंधी हाइपोथिकेशन, इक्वीटेबल मॉर्टगेज आदि दस्तावेजों पर देय स्टाम्प शुल्क की दरों मे समरूपता लाई गई है। विक्रय-पत्र के विभिन्न स्लेब समाप्त कर मात्र एक दर निर्धारित की गई है। रजिस्ट्रीकरण फीस सारणी में 23 के स्थान पर 9 अनुच्छेद किये गये हैं। उपकर अधिनियम में संशोधन दरें कम कर करारोपण की जटिलता दूर की गई है।

बैठक में बताया गया कि लोक सेवा आयोग से पदों की पूर्ति होने तक विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त किया जाएगा। विभाग के पास उपलब्ध ऑन लाइन जानकारी का विश्लेषण करने के लिये संभाग स्तर पर आई.टी. प्रोफेशनल तैनात किये जायेंगे। इंदौर में वाणिज्यक कर विभाग के भवन निर्माण के लिये अगले बजट में प्रावधान किया जायेगा।
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