डिंडौरी। बीजेपी नेता ओम प्रकाश धुर्वे पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगा है। ओम प्रकाश धुर्वे डिंडौरी में गजानन शिक्षा एवं जनसेवा समिति संचालित करते हैं समिति के नाम से दीनदयाल चलित औषधालय में एंबुलेंस लगाई गई थीं लेकिन ये वास्तविक एंबुलेंस न होकर सिर्फ कागजों में ही चलाई जा रही थीं।
आरटीआई से मिले दस्तावेजों में साफ दिखाई दे रहा है ओम प्रकाश धुर्वे की संस्था ने एंबुलेंस के नाम पर जो वाहन रजिस्टर कराया था, वो नंबर एंबुलेंस का न होकर नगर परिषद की फायर ब्रिगेड की गाड़ी का नंबर निकला।
जबकि चिकित्सा अधिकारी एंबुलेंस के नाम पर लाखों रुपये के बिल का भुगतान कर चुके हैं। हद तो तब हो गई किसी भी अधिकारी ने एंबुलेंस को वास्तविक रूप से देखना मुनासिब तक नहीं समझा। ये सिर्फ एक ही वाहन की बात नहीं है बल्कि 7 जिलों में संस्था की एंबुलेंस फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों पर दौड़ती रही। 2011 में पहले बार जब ये मामला सामने आया तब तत्कालीन कलेक्टर ने एफआईआर के निर्देश दिए थे। लेकिन विधायक के रसूख के आगे ये निर्देश भी ठंडे बस्ते में डाल दिए गए।
अब ये मामला जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश से डिंडौरी जिला कलेक्टर तक पहुंचा है। जिसके बाद गौंडवाना गणतंत्र पार्टी ने शाहपुरा विधायक ओम प्रकाश धुर्वे से इस्तीफा मांगा है। इस मामले में कांगेस पर भी मिलीभगत के आरोप लगे हैं।