सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। छत्तीसगढ सरकार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी करने वालों पर कंसा शिकंजा। 2011 का आदेश निरस्त, कोर्ट में लगे स्टे हटाने के आदेश भी दिए सरकार ने। सरकारी महकमों में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिये धोखा देकर नौकरी कर रहे सैकडों कर्मचारियों को कभी भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
छत्तीसगढ राज्य सरकार के दो बड़े फैसलों के मुताबिक विभागों को आदेश दिये गए है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे लोगों ने कोर्ट से जो स्टे आर्डर ले रखे है उन्हें तुरंत वेकेट करवाएं। सरकार ने 1 अक्टूबर 2011 में जारी वह आदेश भी निरस्त कर दिया है जिसमें यह कहा गया था कि उन्होने ने सन 2000 में जाति प्रमाण पत्र बनवाए है अतः उन्हें नौकरी से नही निकाला जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव विकासशील के इस आदेश से मंत्रालय समेत समूचे सरकारी महकमों में हड़कप मच गया है। जीएडी के सूत्रों के अनुसार करीब 450 अधिकारी कर्मचारी ऐसे है जो फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। सरकार के पास ऐसे लगभग 400 कर्मचारियों के बारे में शिकायत मिली है जिसकी उच्च स्तरीय छानबीन समिति जांच कर रही है।
समिति ने छानबीन व जांच के बाद पौने दो सौ अधिकारियों-कर्मचारियों के जाति दस्तावेजों को फर्जी पाया है। इन्हे नौकरी से बाहर करने की अनुशंसा की गई है, लेकिन ज्यादातर ने हाईकोई से स्टे ले रखा है और मजे से नौकरी कर रहें है।
छत्तीसगढ सरकार के सामान्य विभाग के सचिव विकासशील के अनुसार राज्य सरकार ने 2011 में जारी वह आदेश निरस्त कर दिया है जिसमें आदिवासियों के आरक्षित पदों पर नौकरी कर रहे अन्य लोगों को नौकरी से न निकालने की बात कही गई थी तब उन्हें यह छूट दी गई थी कि वे नौकरी तो करते रहेगे, लेकिन आरक्षण का लाभ नही ले सकेगें।
सरकार ने सभी विभागों से कहा है कि वे नौकरी से निकाले जाने के सकरारी आदेश के खिलाफ अदालतों से स्थगन आदेश को वेकेट करने तत्काल कार्यवाही करें। मध्यप्रदेश में भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर राज्य एवं केन्द्र सरकार के विभागों में सरकारी नौकरी कर रहे है अकेले बालाघाट जिले में पुलिस अधीक्षक बालाघाट द्वारा ऐसे 107 लोगों की सूची गृह विभाग को भेजी है जो फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करना पाये गये है।
विगत 6 माह पूर्व भेजी गई इस सूची पर अब तक कार्यवाही नही की गई मध्यप्रदेश सरकार को भी छत्तीसगढ सरकार की तरह त्वरित कार्यवाही करते हुये फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को सरकारी सेवा से हटाकर उन पर आपराधिक प्रकरण कायम करें।