कलेक्टर को करना पड़ा डीईओ कार्यालय में कर्मचारियों का कार्य विभाजन

इंदौर। स्कूल शिक्षा विभाग में पहली बार हुआ है, जब जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों में कार्य विभाजन कलेक्टर को करना पड़ा है। नए जिला शिक्षा अधिकारी अनुराग जायसवाल ने यहां ज्वाइन करने के साथ कलेक्टर को कार्य विभाजन की झूठी जानकारी देकर अपनी ज्वाइनिंग के साथ ही लिपिकों के बीच कार्य बंटवारा भी करा लिया। इसमें कार्यालय के स्थापना अनुभाग जैसे महत्वपूर्ण सेक्शन के बारे में झूठी जानकारी दी गई है।

स्कूल शिक्षा विभाग में विभाग के महत्वपूर्ण आदेश जिला शिक्षा अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग इंदौर के परामर्श पर जारी करते रहे हैं। वैसे राज्य शिक्षा केंद्र के तहत संचालित मिशन के कार्यों में कलेक्टर का सीधा हस्तक्षेप होता है। इस बार विभाग में पनपे भ्रष्टाचार के चलते कलेक्टर को हस्तक्षेप करना पड़ा है। पूर्व डीईओ किशोर शिंदे के रिश्वत कांड के बाद नवागत जिला शिक्षा अधिकारी अनुराग जायसवाल ने 5 फरवरी को पद संभाला है और इसी दिन उन्होंने कर्मचारियों में काम का बंटवारा किया।

कार्य विभाजन की सूची में नाम गायब
नए कार्य विभाजन में इस कर्मचारी को स्थापना सेक्शन क्र-1, 2 एवं 4 की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले जिम्मेदारी संजय निगम बाबू के पास थी। हैरत की बात तो यह है कि शा. अहिल्याश्रम क्र-2 में पदस्थ बाबू करीब चार सालों से डीईओ कार्यालय में अटैच था और उसे स्थापना जैसे महत्वपूर्ण अनुभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चौंकाने वाली बात यह कि हाल ही में डीईओ में पदस्थ कार्य विभाजन की जो सूची जारी की गई है उसमें निगम का नाम नहीं है। 

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