
गौरतलब है कि हार्दिक पर सरकारी संपत्ति और भाजपा के जिला कार्यालयों में तोड़फोड़ के बाद ये केस दर्ज कराए गए थे. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने रविवार को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को समझौते की बाबत पत्र लिखा था. इसके अगले ही दिन उत्तर गुजरात के 41 मामले भाजपा ने वापस ले लिए हैं. मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को लिखे पत्र में सूरत जेल में बंद हार्दिक ने कहा कि अगर मुद्दा जल्द नहीं सुलझाया गया तो बीजेपी को 2017 विधानसभा चुनावों में पटेलों का क्रोध सहना पड़ेगा.
हार्दिक के वकील ने रविवार को इस पत्र की प्रतियां सार्वजनिक कीं. हार्दिक ने मुख्यमंत्री से उनकी और आंदोलन के अन्य नेताओं की रिहाई की प्रक्रिया तेज करने के लिए कहा. बता दें कि हार्दिक और उनके कई सहयोगी भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के तहत फिलहाल जेल में हैं.
लेटर में लिखा है कि मुझे भारतीय जनता पार्टी की सरकार से कोई आपत्ति नहीं है. समाज के कुछ स्वार्थी लीडर समाज को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार पाटीदार युवकों को जेल से रिहा करे और बताए कि आंदोलन की मूल मांगों को कब पूरा किया जाएगा. मैं चाहता हूं कि गुजरात का नाम देश-दुनिया में चमके, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो आंदोलन जारी रहेगा.