भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भोपाल में एक निजी मेडिकल कॉलेज को बिना टेंडर बुलाए जमीन कैसे दे दी। एक जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और जस्टिस संजय यादव की खंडपीठ ने राजस्व सचिव, कलेक्टर भोपाल, डायरेक्टर टीएण्डसीपी और सचिव मेडिकल एजुकेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता भोपाल के समाजसेवी अमिताभ अग्निहोत्री की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नियमानुसार विज्ञापन व निविदा आदि की प्रक्रिया पूरी करके जमीन आवंटन होना चाहिए। लेकिन एडवांस मेडिकल कॉलेज को सारे नियम-कानून दरकिनार करके 25 एकड़ जमीन की रेवड़ी बांट दी गई। इस बारे में किसी तरह की कोई नीति बनाने तक की जेहमत नहीं उठाई गई। लिहाजा, निर्माण पर अविलंब रोक लगाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेकर जमीन खुर्द-बुर्द न किए जाने को लेकर अंतरिम दिशा-निर्देश जारी कर दिए।