भोपाल। राज्य विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरु हो रहा है, लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के दल का नेतृत्व कौन करेगा। माना जा रहा है कि इस बार भी पार्टी कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष के सहारे सत्ता पक्ष की सामना कर सकती है। इसकी वजह है पार्टी हाई कमान द्वारा लंबे समय बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं ले पाना।
कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन अपने ही दल के वरिष्ठ विधायकों का कितना समर्थन हासिल कर पाते हैं यह तो सत्र के दौरान ही पता चलेगा। इसकी वजह है नेता प्रतिपक्ष पद के दावेदारों में सभी प्रमुख नेताओं के समर्थकों का शामिल होना। यह सभी दावेदार न केवल श्री बच्चन से वरिष्ठ हैं, बल्कि अनुभव में भी ज्यादा हैं।
दरअसल नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे बीते लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं जिसकी वजह से पार्टी से इस पद के दावेदार सक्रिय बने हुए हैं। जिसके चलते दावेदारों द्वारा दिल्ली में मजबूत लांबिग की जा रही है, लेकिन अब तक नए नेता प्रतिपक्ष को लेकर किसी भी तरह के संकेत नहीं मिले हैं।
इस दौड़ में वरिष्ठ विधायक अजय सिंह, रामनिवास रावत और महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, मुकेश नायक के अलावा आदिवासी विधायक एवं कार्यकारी नेता-प्रतिपक्ष बाला बच्चन का नाम शामिल है। युवा विधायक जीतू पटवारी भी नेता-प्रतिपक्ष के लिए दिल्ली में अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं।
नेता-प्रतिपक्ष के पद पर अनिर्णय की स्थिति में कांग्रेस के दिग्गज नेता महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, पूर्व नेता-प्रतिपक्ष अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह, आरिफ अकील, केपी सिंह, सुंदरलाल तिवारी और युवा विधायक जीतू पटवारी अपनी अलग खिचड़ी पकाएंगे। उनके मुद्दे भी अलग होंगे और सरकार को घेरने की स्टाइल भी अलग होगी।