जगदीष शुक्ला। धार्मिक आयोजन की ओट में राजनीति जमाने का प्रयास कर रहे विधायक महोदय की हालत उनके कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महोदय के नहीं आने से उन पर ना खुदा मिले ना बिसाले सनम की कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रही है।
विधायक महोदय और उनके समर्थक जितनी शिद्दत से कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे, उससे कहीं अधिक मायूस हो गये। हालांकि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महोदय के नहीं आने की वजह उनका तबियत नासाज होना बताई जा रही है, लेकिन जनमानस में इसकी असल वजह कुछ और ही मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने की वजह भले ही कुछ भी हो लेकिन जनसतह पर मुख्यमंत्री द्वारा एन बक्त पर कार्यक्रम में नहीं आने का फैसला विगत दिनों रेत उत्खनन के कुछ कारोबारियों द्वारा एक युवक की की गई हत्या और उससे उपजा जनअसंतोष माना जा रहा है।
कार्यक्रम में विधायक महोदय के प्रति जहां उनके मतदाता वर्ग के दो बड़े समुदायों की नाराजगी खासतौर पर देखने को मिली, वहीं अंचल के धरतीपुत्र किसानों को तबाही के दौर सरकार की इमदाद नहीं मिल पाने का गहरा असंतोष देखा गया।