भोपाल। अवैध लकड़ी कटाई मामले में फंसे बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर वी किरण गोपाल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अब उन पर जिले में दो करोड़ के हैंडपंप घोटाले में शामिल होने का साया मंडरा रहा है। इस मामले की शिकायत के बाद जबलपुर के संभागायुक्त गुलशन बामरा ने मामले के सभी दस्तावेज तलब किए हैं।
बालाघाट जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को दो करोड़ रुपए के हैंडपंप खुदाई फर्जीवाड़े की फाइल समेत उन्हें तलब किया है। इस मामले में बगैर हैंडपंप खुदाई के दो करोड़ रुपए आहरित करा ली गई है।
लांची के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने राज्य सरकार को शिकायती पत्र भेजकर उनकी कई मामलों में संलिप्तता बताई थी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने इसकी जांच जबलपुर संभाग के आयुक्त गुलशन बामरा को सौंपी थी। सूत्रों ने बताया कि यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था, किंतु अब इसकी जांच एक बार फिर से तेज कर दी गई है।
जबलपुर आयुक्त ने आदिवासी विभाग के बालाघाट के सहायक आयुक्त को पत्र भेजकर सभी दस्तावेजों सहित उन्हें तलब किया है। उन्होंने कहा है कि चूंकि यह जांच जीएडी के निर्देश पर उन्हें सौंपी गई है, ऐसे में वे उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराएं कि आखिर में सच्चाई क्या है और इसमें दोषी कौन लोग हैं और कितने राशि की हेराफेरी की गई है। ताज्जुब की बात यह है कि ऐसे स्कूलों के नाम पर बिल बनाया गया है, जहां या तो पहले से हैंडपंप लगे हैं या फिर हाल में ही किसी दूसरे मद से वहां हैंडपंप लगाए गए हैं। अब इन स्कूलों के हैंडपंपों को नया बताकर उसकी फर्जी बिल बनाकर आहरित करा लिया गया।
क्या है मामला
श्री गोपाल ने बालाघाट जिले में कलेक्टर रहते दो करोड़ रुपए से ज्यादा के हैंडपंप खुदाई महज एक ही व्यक्ति से कराई। इसमें बालाघाट के पाशवेंद्र उर्फ बंडू पारधी ने छात्रावास एवं स्कूल संचालकों के फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर दो करोड़ रुपए की राशि का आहरण करा लिया। यह आहरण कलेक्टर के इशारे पर होने की खबर है। बताते हैं कि फर्जीवाड़े का यह अकेला मामला नहीं है इसके बाद दर्जनों ऐसे मामले हैं जिसमें इसी तरह की गड़बड़ी की गई है। यदि इसकी ठीक से जांच व कार्रवाई हो गई तो कलेक्टर श्री गोपाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।