गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम के महापौर पद के लिए हुए उपचुनाव में महज 18.54 फीसदी मतदान हुआ। वोटिंग के मामले में ये आंकड़ा इतिहास बन गया। दिल्ली से सटे शहर में इतनी कम वोटिंग ने हर किसी को हैरान कर दिया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी विमान कुमार शर्मा ने कहा कि जिला चुनाव अधिकारियों ने कई कार्यशालाओं का आयोजन कर लोगों से मतदान करने की अपील की लेकिन महज 18.54 फीसदी मतदान ही हुआ। वोटिंग के मामले में ये आंकड़ा इतिहास बन गया।
मेयर के चुनाव में कुल 11 लाख 77 हजार 276 मतदाता थे लेकिन महज दो लाख 18 हजार 314 मतदाताओं ने वोट डाला। यह सीट ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षित है। कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने शिकायत की है कि मतदाता सूची से काफी नाम गायब हैं। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में रही जो मतदान केंद्रों तक तो आए मगर सूची में नाम न होने के कारण बिना वोट डाले लौट गए।
गैर सरकारी संगठन मौलिक भारत ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत की कि ईवीएम मशीन में ‘नोटा’ का विकल्प उपलब्ध नहीं था। मैदान में बीजेपी के आशु वर्मा, एसपी के सुधन कुमार रावत और कांग्रेस के लालमन सिंह पाल सहित 11 प्रत्याशी हैं। मतगणना मंगलवार 16 फरवरी को होगी।