
उच्चशिक्षा विभाग ने पीएससी को असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने के लिए मांग-पत्र भेजा है। विभाग ने दो हजार से ज्यादा पदों पर जरूरत बताई है। उच्चशिक्षा विभाग ने 2014 में भी पीएससी के जरिये असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी।
हालांकि आवेदन जमा करवाने के सालभर बाद प्रक्रिया निरस्त कर दी थी। नियमानुसार पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी के साथ राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) या राज्य पात्रता परीक्षा (स्लेट) अनिवार्य योग्यता होती है। प्रदेश में 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से स्लेट का आयोजन नहीं हुआ है।
प्रतियोगिता में पिछड़ेंगे
दो साल पहले जब उच्चशिक्षा विभाग ने सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करवाया था, तब भी मांग उठी थी कि पदों पर पूर्ति करने से पहले स्लेट का आयोजन करवाया जाना चाहिए। नेट में देशभर के प्रतिभागी शामिल होते हैं। स्लेट होने से प्रदेश के उम्मीदवारों के पास अनिवार्य योग्यता हासिल करने के दो रास्ते खुल जाते। अब प्रदेश के उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए नेट का सहारा लेना होगा। इसमें उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता करना होगी है। यदि स्लेट हो जाती तो प्रदेश के उम्मीदवारों को नेट नहीं देना पड़ती। प्रदेश के उम्मीदवारों का कहना है कि ताजा स्थिति में देशभर के उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा करना होगी। अन्य सभी प्रदेश राज्य स्तरीय परीक्षा करवाते हैं और उसी के चलते स्थानीय नियुक्तियों में उम्मीदवारों को लाभ मिलता है, लेकिन प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है। नतीजा अन्य प्रदेश के उम्मीदवार फायदा उठाएंगे।
ऐनवक्त पर रोका
उच्चशिक्षा विभाग ने स्लेट आयोजित करवाने के लिए प्रक्रिया शुरू भी की थी। इसके लिए प्रदेश स्तरीय कमेटी बनाई गई थी। इसके बाद सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया भी रोकी गई। इसे स्लेट के बाद करवाने की घोषणा हुई, लेकिन ऐनवक्त स्लेट को फिर टाल कर पीएससी के पास मांग-पत्र भेज दिया गया।
मांग-पत्र मिला
हमें उच्चशिक्षा विभाग से मांग-पत्र मिल गया है। कुल क्वेरी के जवाब मिलते ही पीएससी सहायक प्राध्यापकों की चयन प्रक्रिया का विज्ञापन जारी कर देगा।
मनोहर दुबे, सचिव, पीएससी