बैंक घोटाले की जाँच पूरी नहीं हुई, ब्रांच मैनेजर बहाल

ग्वालियर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रबंधन घोटाले में फंसे कर्मचारियों के प्रति सख्ती नहीं दिखा रहा है, बल्कि नरम रुख अपना लिया है। गबन के आरोप में फंसे शाखा प्रबंधक लक्ष्मण सिंह चहार के खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं हुई है, फिर भी बैंक प्रबंधन ने उन्हें बहाल कर दिया। इससे बैंक प्रबंधन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

लक्ष्मण सिंह चहार को चीनौर शाखा में 20 लाख के गबन के आरोप में निलंबित किया गया था। यहां के किसानों ने शिकायत की थी कि उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, लेकिन उनके पैसे निकाल लिए गए थे। उनके 20 लाख रुपए बैंक से निकल गए थे। इस आरोप की वजह से 6 महीने पहले लक्ष्मण सिंह चहार को निलंबित किया गया। इसके बाद जांच मुख्यालय के कर्मचारी को दे दी गई। उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की गई और अब बहाली आदेश निकाल दिया गया है।

वसूली व एफआईआर होनी थी
सामान्यतः बैंक के हिसाब में एक भी रुपए की गड़बड़ी होती है और कर्मचारी दोषी होता है तो उसके खिलाफ एफआईआर कर वसूली की जाती है। लेकिन 20 लाख के गबन के बावजूद बैंक प्रबंधन का रुख नरम रहा है। विरोध को शांत करने के लिए शाखा प्रबंधक को निलंबित किया गया था, लेकिन आगे की कार्रवाई की बजाय दोषी कर्मचारी को चुपके से बहाल कर दिया गया।

अब बदले जांच अधिकारी
बैंक प्रबंधन ने सुधा दीक्षित को जांच का जिम्मा सौंपा था, लेकिन वे जांच शुरू नहीं कर पाईं। इसके चलते अब अपेक्स बैंक के अधिकारी एके यादव को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें एक महीने में जांच पूरा करने का निर्देश दिया है। लेकिन जिस कर्मचारी ने जांच पूरी नहीं की, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

इनका कहना है
लक्ष्मण सिंह की बहाली का आदेश मेरे कार्यभार संभालने से पहले जारी किया गया है। नए कर्मचारी को जांच दी गई है। एक महीने में जांच रिपोर्ट मांगी है।
आरसी शर्मा, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक

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