
इस प्लान पर राज्य शिक्षा केंद्र के आला अधिकारियों की सहमति की मुहर लगने के बाद इस व्यवस्था को जल्द ही लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था के बाद ऐसे स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए दूसरे संकुल के चक्कर लगाने से भी निजात मिल जाएगी। साथ ही स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने में डीडीओ का पूर्ण नियंत्रण भी रहेगा।
अभी ये होता है
मान लीजिए एक हाईस्कूल के परिसर में दो प्राइमरी और दो मिडिल स्कूल संचालित हो रहे हैं। उन स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन अन्य किसी हायर सेकंडरी स्कूल के डीडीओ द्वारा निकाले जा रहे हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद संबंधित स्कूल के प्राचार्य को वेतन आहरण संवितरण अधिकारी (डीडीओ) के अधिकार प्रदान कर दिए जाएंगे।