
उनका पता ग्राम मड़ावता पोस्ट जावती जिला विदिशा दर्ज था। जबकि मीना गुना के निवासी है और उनकी वहां संपत्ति भी है। इसके चलते उनका जाति प्रमाणपत्र अवैध है। आदिम जाति विकास विभाग ने गुरुवार को छानबीन समिति के निर्णय की जानकारी विदिशा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समेत सामान्य प्रशासन और गृह विभाग को भेजी है। इसमें विधि अनुरूप कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। आदिवासी आयुक्त शोभित जैन का सिर्फ इतना कहा कि इस संबंध में आदेश गुरुवार को डिस्पैच किए गए हैं।
सूत्र बताते हैं पुलिस विभाग खुद भी मामले में शिकायतकर्ता था और छानबीन समिति को पत्र भेजकर प्रकरण में अंतिम निर्णय के लिए कह चुका था। समिति ने पिछली बैठक में मीना के जाति प्रमाणपत्र पर अवैध की मुहर लगाई थी और गुरुवार को गेंद राज्य शासन और गृह विभाग के पाले में डाल दी है। अवैध जाति प्रमाणपत्रों के मामले में लोक निर्माण विभाग के एक मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी नौकरी से हाथ धो चुके हैं। कई छोटे कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हुई है।
सिरोंज में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा
आईपीएस अधिकारी आरएस मीना ने खुद को आदिवासी बताया है। मीना जाति को मप्र में सिर्फ सिरोंज में ही आदिवासी का दर्जा है। जबकि जांच में पाया कि वे गुना के निवासी हैं। बताते हैं कि दो लाख से ज्यादा लोगों ने खुद को सिरोंज का निवासी बताते हुए आदिवासी जाति प्रमाणपत्र बना रखा है। सिरोंज बहुत पहले राजस्थान का हिस्सा था और कोटा जिले में शामिल था। इसीलिए यहां के मीना समाज को आदिवासी दर्जा मिला था। शेष मप्र में इन्हें ओबीसी दर्जा है।
समिति अपना काम कर रही है: मीना
चाचौड़ा से भाजपा विधायक ममता मीना का कहना है कि उनके पति केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, इसलिए यह मामला राज्य के बजाए केंद्र का विषय है। छानबीन समिति कई जातियों के प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है। मुझे नहीं लगता कि राजनीतिक रूप से मेरी सक्रियता की वजह से ऐसा कोई निर्णय हुआ होगा। ऐसा कोई कर भी नहीं सकता। ज्ञात हो ममता मीना हाल में कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव के खिलाफ मोर्चा खोला था, जबकि विध्ाानसभा में उन्होंने अपनी ही सरकार की आलोचना की थी। इस मामले में विदिशा के कलेक्टर एमबी ओझा ने कहा कि जांच में आरएस मीना को सिरोंज निवासी नहीं पाया गया था।
....तो फिर रखूंगा अपना पक्ष
अपने जाति प्रमाणपत्र के बारे में पहले भी समिति को सफाई दे चुका हूं, हमारी दोनों जिलों में जमीन व घर-परिवार हैं। ताजे निर्णय की जानकारी मुझे नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो मैं अपना पक्ष फिर रखूंगा।
रघुवीर सिंह मीना,एसपी आगर