
दरअसल अदालत का यह फैसला एक रोमानियन इंजीनियर के उस फैसले के बाद सामने आया है जिसमें उसने कंपनी की ही एक डिवाइस से याहू मैसेंजर का इस्तेमाल करते हुए काम के घंटों में अपनी मंगेतर और भाई को संदेश भेजे थे। यूरोपियन मानवाधिकार अदालत ने इस मामले में नियोक्ता का पक्ष लिया और फैसला सुनाया कि कर्मचारी ने पेशेवर रुप से लापरवाही की है और उसके बॉस के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वो यह परख और जांच सके कि काम के घंटों में उसके कर्मचारी काम कर रहे हैं या नहीं। अदालत ने यह फैसला इसलिए सुनाया क्योंकि कर्मचारी ने इस मामले में कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया था और नियोक्ता के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वो जान सके कि उसके कर्मचारी काम कर रहे हैं या नहीं।