खुली शिवराज के दावे की पोल: सीटी बजाने वाली महिलाओं के घर ही शौचालय नहीं

इंदौर/बेटमा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार हर घर में शौचालय बनाने का बीड़ा उठाए हुए है। इंदौर जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जिले के हर गांव में शत-प्रतिशत शौचालय बन चुके हैं और गांव ओपन डेफिशिएंसी फ्री (ओडीएफ) हो चुके हैं, लेकिन इस दावे की हकीकत कुछ अलग ही है। आप चौंक जाएंगे कि खुले में शौच जाने वाली महिलाओं को सीटी बजाकर जागरूक करने वाली महिलाओं के घर ही शौचालय नहीं बने हैं। हिंदी अख़बार नईदुनिया इस दावे की पोल खोलकर रख दी है। 

हम सरकार के इस अभियान के साथ हैं लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू दिखाना इसलिए जरूरी है ताकि पता चल सके प्रशासन का निचला अमला ऊपर तक किस तरह गलत रिपोर्ट भेज रहा है। 25 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष इंदौर जिले के गांवों को ओडीएफ घोषित किया जाने वाला है।

धरावराधामः 
बेटमा क्षेत्र के इस गांव में शांताबाई पति हरिचंद 4 माह से अलसुबह उठ रही हैं और सीटी बजाकर महिलाओं को खुले में शौच से रोक रही हैं। पर उसी के घर शौचालय नहीं है। शांताबाई कहती हैं, ग्राम पंचायत ने 250 ईंटें, दो बोरी सीमेंट तो दिया, लेकिन इतने में शौचालय बनना मुश्किल है, इसलिए अधूरा पड़ा है।

मजबूरी में मैं गांव के सार्वजनिक शौचालय जाती हूं, लेकिन उस पर भी छत नहीं है। इसी गांव के गणेश भंवरसिंह कहते हैं कि 500 ईंटें दी हैं जो घर पर रखी हैं। शौच तो जंगल में ही जा रहे हैं। अंतरसिंह बापूसिंह के घर भी शौचालय नहीं है। कहते हैं, बनाना तो चाहते हैं लेकिन शीट, ईंट और एक बोरी सीमेंट से क्या होता है।

चायड़ीपुराः 
यहां की तोताबाई पति लालसिंह की कहानी भी इसी तरह है। वे भी रोज सुबह सीटी बजाकर खुले में शौच करने वाली महिलाओं को रोकती हैं। पर उनके यहां भी शौचालय नहीं बना है। उनका पूरा परिवार भी खुले में शौच जाने को अभिशप्त है। वे बताती हैं कि मेरे घर शौचालय इसलिए नहीं बन रहा है क्योंकि सूची में मेरा नहीं है। इसी गांव की बसुबाई रज्जू और लीलाबाई छगनसिंह के घर शौचालय न होने से उन्हें खुले में शौच जाना पड़ रहा है।

बगोईः 
धरावराधाम की ही बगोई बस्ती में 11 परिवार रहते हैं। इनमें से किसी के घर भी शौचालय नहीं बना है। इस गांव से करीब एक किमी दूर कलारिया गांव में हाल ही में कलेक्टर पी. नरहरि पहुंचे थे। उन्होंने वहां ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में शौचालय बनने की बात कही थी।

भगोराः 
महू विकासखंड के भगोरा गांव में अब भी कई घरों में शौचालय के गड्ढे खुदे पड़े हैं। इस ग्राम पंचायत के करोंदिया मजरे में करीब 20 दिन पहले कलेक्टर ने चौपाल लगाई थी। इसके बाद करोंदिया में तो शौचालय बने, लेकिन ग्राम पंचायत का मुख्य गांव भगोरा अब भी पूरी तरह ओडीएफ नहीं हो पाया है। इसी पंचायत के कटकटपुरा मजरे में भी शौचालय नहीं बन पाए हैं।

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